Sant Santaji Maharaj Jagnade
उत्तर प्रदेश मे झाँसी एक दर्शनीय एतिहासिक नगर है । यहाँ के प्राचीन भव्य किले, अधगिरी इमारतें और दूर - दूर तक फैले खंडहर आज भी एतिहासिक भूमि की गौरवपूर्ण गाथा को अपनी मूक भाषा में कह रहे है । इसी एतिहासिक नगर में लगभग एक हज़ार वर्ष पूर्व राम साह एक सम्मानित व्यक्ति थे! दीन दुखियों के प्रति दया-भावना, दानशीलता, सरल स्वभाव,धर्म-परायणता आदि उनके विशेष गुण थे, और इसी कारण उनका यश दूर-दूर तक फैला हुआ था | इन्हीं के घर हिन्दु कुल और समस्त साहू समाज को गौरव प्रदान करने वाली भक्त शिरोमणि कर्मा माता का जन्म चैत्र कृष्ण पक्ष ११ संवत १०७३ को हुआ था ।
आजसे एक हजार वर्ष पूर्व झासी उत्तरप्रदेश में श्री रामशाह प्रतिष्ठित और संपन्न तेल के बडे व्यापारी थे । वे एक समाज सुधारक, दयालु, धर्मात्मा तथा परोपकारी व्यक्ति थे । उनकी पत्नी को शुभ नक्षत्र, मे चैत्र माह के क्रष्ण-पक्ष की एकादशी को संवत 1073 विक्रम में एक कन्या रत्न का जन्म हुआ । विद्वान पण्डितो ने कन्या की जन्मपत्री बनवाई । पण्डितो ने ग्रह, नक्षत्र का शोधन करके कहा- राम शाह तुम बहुत ही भाग्यवान हो जो एसी गुणवान कन्या रत्न ने तुम्हारे यहां जन्म लिया है । वह भगवान की उपासक बनेगी । शास्त्रानुसार पुत्री का नाम कर्माबाई रखा गया ।
भक्त माता कर्मा जयंती का 25 वां भव्य समारोह आज ग्राम कमरौद में संपन्न हुआ। साथ ही मां कर्मा मंदिर निर्माण हेतु पधारे अतिथियों द्वारा भूमिपूजन भी किया गया। शोभायात्रा, मां कर्मा कथा, रामकथा, रामधुनी जैसे अनेक कार्यक्रमों से गांव का वातावरण दिव्य एवं भक्तिमय हो गया। इस अवसर पर श्री भुलाऊ साहू जी(उपाध्यक्ष जिला साहू संघ), समाज रत्न त्रय झाड़ूराम जी, खोरबाहरा गुरुजी, बलीराम जी,
कर्मा जयंती 31मार्च 2019 झिरिया तेली साहू समाज विदर्भ प्रदेश की ओर से साहू समाज की ममतामयी माता भक्त माँ कर्मा की जयन्ती के पावन अवसर पर हरसुलास के साथ नागपुर सीताबर्डी के जगत सभाग्रह में आरती-पूजा कर मनाई गई इस अवसर पर अतिथिओ एव समाज बंधु ओ का पुष्पगुच्छ देकर और समाज में नाम रोशन करने वाले युवा पीढ़ियों का सामान पत्र देकर सत्कार किया गया ।
भक्त माता कर्मा की 1003 वी जयंती रामदास चोरमारे, विजय नगर -धरम नगर के अध्यक्षता में एवं वहा के नागरिकों द्वारा माता कर्मा की जयंती क़ा सफ़लता पूर्वक आयोजन किया गया, उस मंच से भक्त माता कर्मा के जयंती क्यों मनाई जाती है , उसके बारे में बतया गया हम उनके वक्तीत्व को ना सोचकर उनके विचारों को आदर्श मानते है और उन जैसे अनेकों संत महात्मा भी मानवता के उद्धार के लिए ही कार्य करते है