कैलाश नाथ साहू, महामंत्री, उ०प्र० साहू राठौर चेतना समिति राष्ट्रीय तैलिक साहू राठौर चेतना
हम एक लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं और यह जानते हैं कि हमारी यात्रा अभी लम्बी है, नदी को सागर तक पहुंचने में अनेक अवरोधों का सामना करना पड़ता है। बड़ी-बड़ी चट्टानें उसके मार्ग में आती हैं और रुकावटें डालती हैं लेकिन इन अवरोधों से टकराकर नदी के प्रवाह में तेजी व उत्तेजना पैदा होती है। वह अपने बहने के तारतम्य को नहीं तोड़ती और एक क्षण ऐसा आता है जब अवरोधों को अपने आप हट जाना पड़ता है या उसक प्रवाह में टूट-टूट बह जाना पड़ता है।
- अरविन्द गांधी, एडवोकेट, बलिया प्रान्तीय अध्यक्ष, उ०प्र० साहू राठौर युवा चेतना समिति
इक्कीसवीं सदी युवाओं की सदी कही जाती है क्योंकि इस सदी में विश्व की आबादी में से सबसे अधिक आबादी युवाओं की है। इस सदी में युवा प्रत्येक क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर समाज में अपनी श्रेष्ठता कायम करते जा रहे हैं।
क्रान्तिकारी स्व. गंगा प्रसाद साहू के पुत्र साहू मुनिलाल 'लालजी का जन्म 6 फरवरी सन् 1934 को कानपुर में हुआ। कविवर 'लालजी' संगीत, चित्रकारिता, वस्त्र निर्माण एवम् वास्तु के अप्रतिम शिल्पी हैं। उनकी काव्य रचनाओं का विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं, स्मारिकाओं, समाचार पत्रों, संकलनों और सन्दर्भ ग्रन्थों में ससम्मान प्रकाशन होता रहा है तथा संस्थाओं द्वारा उन्हें पुरस्कृत और सम्मानित भी किया जा चुका है।
- राम लाल गुप्ता, दल्ली राजहरा दुर्ग (छत्तीसगढ़)
संसार की कोई भी जाति या समाज लीक से चलकर बुलंदियों तक नहीं पहुँचा। दुनिया का चाहे कोई व्यक्ति राष्ट्र, समाज या कोई व्यक्ति हो जब भी लीक छोड़कर आगे बढ़ा तो उसने एक नई ऊँचाई को छुआ।
हमारे तैलिक जाति के साथ भी एक ऐसी ही बिडम्बना है।
साहू मधुप गुप्ता, एडवोकेट अशोक नगर (म०प्र०)
किसी भी देश, समाज, जाति और समुदाय विशेष की संरचना, युगीन परिवर्तन, पुनरोत्थान एवं विकास में उसके युवा वर्ग की अहम् भूमिका होती है। जिसका युवावर्ग दिशाहीन, उद्देश्य-विहीन, आत्मलिप्त और निराश होगा उस देश और समाज का वर्तमान भी उसके अतीत से बदतर होगा और भविष्य दुखमय, पराधीन एवं अन्धकार पूर्ण होगा। इसलिये युवा वर्ग को निराशा के अंधेरों से निकाल कर सही दिशा में उसका मार्गदर्शन करना उतना ही आवश्यक है जितना कि उसको हर प्रकार के कुप्रभावों से बचाना आवश्यक है।