Sant Santaji Maharaj Jagnade आज सर्वत्र जिस सामूहिक आदर्श विवाह की जो चर्चा हो रही है। जिसे एक क्रांतिकारी पहल के साथ-साथ विचारक्रांति के रूप में आज देशआ। विदेश में लागू किया जा रहा है। उसे प्रथम बार आज से 42 वर्ष पूर्व जिन स्वप्न दृष्टाओं में साकार किया, उनमें से एक प्रमुख नाम है। स्थ. नाथूराम साहू जी की। तात्कालीन सामाजिक कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों में आपका स्थान तत्कालीन सामाजिक कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों में आपका स्थान अग्रगण्य है इस आदर्श विवाह में नींव रखने वाले नीव के पत्थर कहें तो इसमें अतिश्योक्ति नहीं होगी। वे उस समय मंत्री (सचिव) रहे। इस तरह प्रायः प्रायः सभी कार्यों में इनकी सहभागिता अधिक रही। उनके पिता स्व.
जीवन में हमेशा स्वयं खुशी से बढ़कर अपनों जा की खुशी के लिए जीने की राह कठिन जरूर होती है, पर असंभव नहीं। जिंदादिली के साथ जीवन जीने की प्रेरणा से युवा प्रकोष्ठ छ.ग. साहू संघ के प्रदेश संगठन सचिव श्री रोहित साहू अपने कर्मपथ पर निरंतर अग्रसर है। बड़े-बुजूर्गों के प्रति आदर भाव व छोटो के प्रति अपार स्नेह रखने वाले श्री साहू का जीवन बहुत की सरल है।
दिनांक 24-7-2019 बुधवार को राज. प्रान्तीय तैलिक साहू महासभा की विशेष बैठक अंराई, जिला अजमेर (राज.) मे सम्पन्न हुई। इस बैठक में महासभा को प्रदेश मे सकारात्मक गतिविधियो को गति एवं कार्यक्षेत्र को सुचारु रुप से बढावा देने हेतु श्री सोहनलाल जी साहु आसींद जिला भीलवाड़ा को प्रान्तीय कार्यकारी अध्यक्ष एवं श्री ओमप्रकाशजी साहु फुलेरा जिला जयपुर को प्रान्तीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं श्री नवरतनमलजी साहु किशनगढ़ जिला
साधारण परिवार से नाता रखने वाले श्री पप्पू साहू का जीवन समाज विकास की दिशा में निरंतर अग्रसर है। छोटे से गांव में रहकर बड़ा से बड़ा कार्य करने का जज्बा के साथ जीवन के सफर में निकल चले है। कुछ हद तक सफलता मिल भी गई और बहुत कुछ हासिल करने की इच्छा है। बचपन की बातें के बारे में बताया कि, हमारे गाँव में स्व. शिवकुमार साहू जो लवन परगना के अध्यक्ष थे, राजा साहेब के नाम से जाने जाते थे। बीस साल से परगना के अध्यक्ष का काम किए।
बलौदाबाजार तहसील के ग्राम रसेड़ा में एक सामान्य कृषक परिवार श्री श्याम लाल साहू के घर 21.10.1974 को द्वितीय पुत्र के रूप में जन्म हुआ, बी.पी. साहू उन्म से ही जुझारू एवं बहुमुखी प्रतिभा के धनी रहे हैं घर की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के कारण शिक्षा बीच में ही छोड़कर घर के कार्यों में सहयोग करना आरंभ किया। शुरुआत में पशुपालन दुग्ध व्यवसाय से आरंभ किया एवं सन् 1988 से 2007 तक घर के किराना व्यवसाय को आगे बहाया।