Sant Santaji Maharaj Jagnade शिवम गांधी, केन्द्रीय विद्यालय, आर०डी०एस०ओ० लखनऊ
हमें गर्व होना चाहिए कि हम ऐसे महापुरूष के वंशज हैं जो न सिर्फ हमारे देश में बल्कि पूरे विश्व में विख्यात हैं। आज हमारे समाज के लोग भारत में विभिन्न उपनामों से जाने व पहचाने जाते हैं जिससे हम अपने समाज से विस्तृत रूप से अवगत ही नहीं हो पाते हैं।
सिवान: तैलिक साहु सभा का अभिनंदन सह सम्मेलन का आयोजन गुरुवार को एक होटल में किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि प्रदेश अध्यक्ष रण विजय साहु व महिला अध्यक्ष डॉ. माधुरी गुप्ता रहीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता अध्यक्ष जगन्नाथ प्रसाद ने और मंच संचालन ओमप्रकाश गुप्ता किया। अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष रणविजय साहु ने कहा कि पूरे प्रदेश में हमारी जाति की आबादी सात प्रतिशत है।
राधेश्याम साहू, एडवोकेट सआदतगंज, लखनऊ
सर्वे भवन्तु सुखिनाः सर्वे सन्तु निरामयः । सर्वे भद्राणि पश्यतु मा कश्चित दुख लि भाग भवेत।। का भाव अंगीकृत करके "संघे शक्ति' कलियुगै" के मूल मंत्र को मन में संजोकर बाढ़ (पटना) निवासी स्वनामधन्य बाबू काली प्रसाद व आजमगढ़ निवासी बाबू महावीर प्रसाद वकील और उनके सहयोगियों द्वारा धार्मिक नगरी काशी (वाराणसी) में अखिल भारतीय तैलिक वैश्य महासभा की नींव सन् 1912 में रखकर समाज के सर्वांगीण विकास हेतु जो दीप प्रज्ज्वलित किया गया था
श्री राम नरायन साहू जी सांसद से समाज के एक वरिष्ठ नागरिक एवं अवकाश प्राप्त पी०सी०एस० साहू बी० पी० जायसवाल ने उनके जीवन तथा समाज की प्रगति से सम्बन्धित विभिन्न विषयों पर बातचीत की। बातचीत का संक्षिप्त विवरण प्रश्न उत्तर के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है -
1. प्रश्न - विद्यार्थी जीवन में तथा राजनीति में आने से पहले आपने अपने जीवन के सम्बन्ध में क्या कल्पना की थी?
कैलाश नाथ साहू, महामंत्री, उ०प्र० साहू राठौर चेतना समिति राष्ट्रीय तैलिक साहू राठौर चेतना
हम एक लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं और यह जानते हैं कि हमारी यात्रा अभी लम्बी है, नदी को सागर तक पहुंचने में अनेक अवरोधों का सामना करना पड़ता है। बड़ी-बड़ी चट्टानें उसके मार्ग में आती हैं और रुकावटें डालती हैं लेकिन इन अवरोधों से टकराकर नदी के प्रवाह में तेजी व उत्तेजना पैदा होती है। वह अपने बहने के तारतम्य को नहीं तोड़ती और एक क्षण ऐसा आता है जब अवरोधों को अपने आप हट जाना पड़ता है या उसक प्रवाह में टूट-टूट बह जाना पड़ता है।