सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन में जमीनी सूझबूझ वाले ग्रामीण जनप्रतिनिधी के लिए सामाजिक कार्यकर्ता श्री रूपसिंग साहू जी जाने जाते हैं। हमेशा से ही लोकहित की भावना को अपने जीवन में उतारकर अपने सफर में चल रहे है। क्षेत्र के लोगो के सुख-दु:ख में हमेशा सहभागी रहने के कारण लोंगो के दिलों में राज करते है। जमीन से जुड़े कार्यकर्ता के लिए पद कोई मायने नहीं रखता। सेवा की भावना को अपने दिल में रखकर मजबूती के साथ कार्य करने का मजा ही कुछ और होता हैं।
स्वामी विवेकानंद जी को अपना आदर्श मानने वाले श्री नंदकुमार साहू सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में रचनात्मक कार्यों के साथ निरंतर अग्रसर हैं। राजनीति हो या समाजसेवा का क्षेत्र, हमेशा पार्टी व जनता के द्वारा दिए मौंको को जनता-जनार्दन की सेवा में समर्पित भाव से काम किए। राजनीति का एक ही फार्मूला हैं उस तबके के लिए पूरी ताकत झोंक देना, जो समाज में पिछड़ गया है।
मिलनसार, जुझारु श्री सत्यप्रकाश साहू को बचपन से ही कुछ न कुछ नया करने की ख्वाहिश रखते थे। इसी सोच व संकल्प को मूर्त देने के लिए सामाजिक उत्थान की दिशा में सार्थक पहल करते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे है। समाज सेवा के क्षेत्र में निरंतर कार्य करते आ रहे हैं। ग्रामीण परिवेश में पले बढ़े हैं। खेती-किसानी के कार्यो में आपकी काफी रुचि रही है। घर की खेती-किसानी के कार्यो में हमेशा हाथ बंटाया।
अभिमान से बचो, स्वाभिमान को मत त्यागो- अपने मेहनतकश पिता को इस सोख पर सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन में निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। राजनीति हो या जीवन पथ, सादगी व संयमित जीवन शैली, कठिन से कठिन इगर पर चला जा सकता है। सफलता पाई जा सकती है। ऐसे ही शख्सियत है डॉ. रामकुमार साहू। पिता श्री रामविशाल साहू से जनसेवा के लिए राजनीति करो, धनोपार्जन के लिए नहीं की सीख हमेशा मिलती रही।
मिलनसार व्यक्तित्व के धनी डॉ. दयाराम साहू का जीवन को टटोला जाय तो अनेको अनुभवों के साथ-साथ प्रेरणात्मक बातें भी नजर आती है। सभी से मिलने जुलने के कारण उनकी छवि हमेशा ही आम लोगो के लिए कौतूहल का विषय रहता है। गायत्री परिवार से जुड़े श्री साहू का जीवन बहुत ही अध्यात्मिकता से भरा हुआ है। धार्मिक विचारधारा से जुड़े हुए व्यक्ति है। किसी भी व्यक्ति का जीवन संघर्ष से हो निखरता हैं।