व्यक्ति के विकास में समाज को भूमिका अहम होती है। समाज से ही संस्कार व प्रेरणा मिलती है। आदर्श जीवन स्थापित करने में समाज हमेशा ही साहस और विश्वास देता है। हमारा साहू (तेली) समाज हमेशा ही अनुकरणीय रही हैं, इसमें ऐसे महान विभूतियों ने जन्म लिए जिनके जीवन से प्रेरणा व सौख लेकर उज्जवल व आदर्श जीवन स्थापित करने में सहायक सिद्ध हो सका।
समाज के बीच रहकर किसी न किसी सामाजिक कार्य में जुटे रहना, शिक्षा, धर्म और समाज सेवा को अपना कर्म बनाने वाले श्री सियाराम साहू जी आज भी अनवरत समाज सेवा के कार्य किये जा रहे है। समाज एवं देश के विकास में हमेशा तत्पर श्री साहू आज भी उसी उर्जा व लगन के साथ काम कर रहे हैं जैसे उन्होंने अपने शुरूआती दिनों में किया करते थे।
कमल कृतघ्न वे लोग जो करते पूर्वजों का सम्मान नहीं दिशाहीन वह जाति जिसमें गौरव स्वाभिमान नहीं। साहू समाज को एक सूत्र में पिरोने और संगठन के रूप में आगे बढ़ाने का महत्वपूर्ण कार्य करने वाले नींव के पत्थर स्व. श्री उदयराम साहू जी आजीवन समाज के वैचारिक उन्नति और संगठनात्मक मजबुती हेतू कार्यरत रहे। अपनी जाति एवं पूर्वजो के गौरव का एहसास कराने वाली उपरोक्त पंक्तियों के रचयिता थे स्वं उदयराम जी छत्तीसगढ़ साहू संघ के वर्तमान भव्य स्वरूप के आधार स्तंभ रहे उदयराम जी ने तैलिक साहू सम्पर्क पत्रिका के माध्यम से साहू समाज को वैचारिक उन्नति प्रदान की।
साधा-सरल स्वभाव तथा लोंगो से मिलनसारिता का गुण सामाजिक एवं व्यवहारिक जीवन में खास महत्व रखता हैं। मिलनसार व्यक्तित्व के लिए क्षेत्र में लोकप्रिय श्री बाबूलाल साहू का जीवन सरलता व सादगी से भरा हुआ है। अपनी बातों को मजबूती के साथ रखने के लिए आप जाने व पहचाने जाते है। क्षेत्र चाहे राजनीति का हो या समाज सेवा को, मिलनसारिता महत्वपूर्ण होती हैं।
परिचय: छत्तीसगढ़ प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रमशीला साहू पति डॉ. दयाराम साहू (पूर्व विधायक, गुंडरदेही) का जन्म 22 सितम्बर 1960 को ग्राम बोरसी (मुरमुंदा), तहसील धमधा, जिला दुर्ग में हुआ। श्रीमती साहू की शैक्षणिक योग्यता बी.ए. (वर्ष 1981, घनश्याम आर्य कन्या महाविद्यालय दुर्ग) आयुर्वेद रत्न (वर्ष 1983-84 भिलाई) है। इनका विवाह डॉ. दयाराम साहू, ग्राम बटरेल, तहसील पाटन, जिला दुर्ग से वर्ष 1981 में हुआ।