अंग्रेज इतिहासकार श्री आर. व्ही. रसेल एवं राय बहाद्दुर हीरालाल ने वृहद ग्रंथ में तेली जाति का वर्णन किया है । इसमें उत्पति संबंधित चार कथाएं दी गई है :-
1) एक बार भगवान शिव महाल (कैलाश पर्वत) से बाहर गये थे । महल की सुरक्षा की सुरक्षा के लिए कोई द्वारपाल नही थे, जिसके कारण माता पार्वती चिंतित हुई और आपने शरीर के पसीने की मैल से गणेश जी को जन्म देकर महल के दक्षिण द्वार पर तैनात किया । भगवान शिव, जब महल लौटे तब गणेश जी ने उन्हें नही पहचाना और महल में प्रवेश से रोक दिया, जिससे क्रोधित होकर,. भगवान शिव ने गणेश जी का सिर तलवार से काटकर मस्तक को भस्म कर दिया । जब रक्तरंजीत तलवार को माता पार्वती देखी ओर अपने पुत्र की हत्या की बात सुनी, तब वे दुखी हुई ।
महाभारत में तुलाधर नामक तत्वादर्शी का उल्लेख लिता है जो तेल व्यवसायी थे किन्तु इन्हें तेली न कहकर वैशस कहा गया, अर्थात तब तक (ईसा पूर्व 3 री - 4 थी सदी) तेली जाति नहीं बनी थी । वाल्मिकी के रमकथा में भी तेली जाति का कोई उल्लेख नहीं है तथा अन्य वैदिक साहित्यों में भी तेल पेरने वाली तेली जाति का प्रय्तक्ष प्रसंग हीं मिलता है । पद्म पुराण के उत्तरखण्ड में विष्णु गुप्त नाम तेल व्यपारी की विद्धता का उल्लेख है ।
वैश्य समाज की घटक इकाइयों में यह सर्वाधिक प्राचीन इकाइयों में यह सर्वाधिक प्राचीन इकाइयों में से सर्वप्रथम नहीं तो प्रारंभिक एक - तो निविर्वाद रूप से है । समाज के आर्थिक स्वरूप के विाककास का इतिहास बतलाता है कि प्राकृतिक सम्पदा के रूप में तिल, सरसों आदि के वाणिज्यिक उपयोग (तेल - निर्माण) आदि की सर्वप्रथम शुरूआत को जिस जन - संवग्र ने की, वे ही तेली कहलाये इस तेल - निर्माण के बाद समाज के आर्थिक जगतृ में हचल - सी मच गयी फिर तो अन्य अनेक फल - बीजों से तेल निकाले जानें लगे ।
सफल युवाओं से सबक लेगी समाज के युवा रिपुसूदन
झारखण्ड लोहरदगा । छोटा नागपुरिया तेली समाज उत्थान की प्रमंडलीय स्तर की बैठक बुधवार को शहर के तेली धर्म शाला परिसर में कोई । इस दौरान संगठन की मजबूती पर परिचर्चा कर कई प्रस्तावों पर अंतिम निर्णय लिया गया । गुमला, सिमडेगा, खुंटी, लोहरदगा व रांची से आए तेली समाज के नेताओं वह प्रतिनिधियों ने इस दौरान सामाजिक व संगठन पहलुओं पर अपने विचार रखे ।
ठाणे जिला तेली साहू समाज चिंतन शिविर 2 सितंबर से 3 दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा । राष्ट्रीय चिंतन शिविर शिविर गुप्ता Galaxy शुभारंभ मैरिज हॉल ठाणे संपन्न होगा । चिंतन शिविर में समाज को संगठित करने और नई दिशा देने के लिए तेली साहू समाज चिंतन करेगा ।