महाराष्ट्र राज्य स्तरिय युवा प्रकोष्ठ छत्तीसगढ़ी झिरिया तेली साहू समाज द्वारा व्दुतिय वर्ष समाज को संगठित करने युवाओ को समाजिक कार्य के प्रगति अग्रसर समाज कार्य करने समाजिक सद् भावना चेतना एव जागरूकता हेतु युवक ~युवती परिचय सम्मेलनका माहा आयोजन किया गया है जिसमे आप सभी युवा प्रकोष्ठ छत्तीसगढ़ी झिरिया तेली साहू समाज के भाईयो से सविनय निवेदन है की ईस कार्यक्रम में सम्मिलित होकर समाज को मजबूत बनाये.
झिरिया तेली साहू समाज युवक युवती परिचय संम्मेलन
वापी 14 मार्च साहू तेली समाज सेवा समिति वापी की ओर से रंगो के त्योहार होली के अवसर पर होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया । यह कार्यक्रम वापी के MD विद्यालय छीरी में आयोजित किया गया था । इस अवसर पर समाज के कैलेंडर का विमोचन किया गया । समाज के लोगों ने एक दूसरे को अबीर गुलाल रंग लगाकर तथा गले मिलकर होली की शुभकामनाएं दी ।
नाशीक :- महारार्ष्ट तेली महासभेचे कार्याध्यक्ष श्री. गजुनाना शेलार हे नाशीक मनपात प्रचंड मतांनी विजयी झाले. मोदींची बेगडी लाट निर्माण करून सर्वत्र भाजपा वातावरण तयार असताना ही नाना नाशीकात राष्ट्रवादी काँग्रेस तर्फे विजयी झाले. मा. छगन भुजबळ यांच्या राजकीय वाटचालीतले शिवसेने पासुनचे शिलेदार नाशीक शहरात शिवसेना उभे करणारे. भुजबळांनी राष्ट्रवादी काँग्रेस आपली करताच त्यांच्यासाठी जिवाचे रान करणारे. एकमेव नाना होते. परंतू मध्यतंरी पुला खालुन आनेक पुर येऊन गेले. या मध्ये ते काही सक्रीय राजकारणा पासून दूर ही होते.
मुजफ्फरपुर समाज की उपेक्षा कर कोई भी राजनीतिक दल राज्य की सत्ता नहीं पा सकता । यह बात बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सुनील कुमार पिंटू ने रविवार को कहा । वह सोहनी ऑडिटोरियम में तेली जाति के निर्वाचित विधायको व त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि को संबोधित कर रहे थे । इसका उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर पूर्व मंत्री ने किया । पूर्व मंत्री ने कहा की कोई भी राजनीतिक व्यवस्था सात फिसदी आबदी वाले तेली समाज को अपनी वोट बैंक नहीं समझे । जो पार्टी राज्य में आबादी के अनुसार इस समाज को राजनीतिक भागीदारी देंगी यह समाज उत्तर के साथ वोट करेगा । सत्ता में राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए इस समाज को एकजुटता का परिचय देना होगा ।
मोढ़, मोदी, साहू, तेली, गनिगा, गान्दला इत्यादी तेली समाज की उप जातीयोकी तरह ही घांची गुजरात, राजस्थान और भारत के विभिन्न भागों में पाए जाने वाली एक तेली जाति है। मोढ़ घांची एक अन्य उप-जाति है घांची की तरह से साहू तेली, तिळवण तेली, तेली, घाणेरा घॉची, कचौलिया तेली, गौपालक घॉची, वीरशैव लिंगायत तेली, गनिगा इत्यादी बंगाल, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, झारखंड, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में पाया जाने वाला अन्य पिछड़ा वर्ग ( ओबीसी ) हैं
घांची जाति का उदभव क्षत्रिय जाति से हुआ है इसलिये घांची समाज को क्षत्रिय घांची समाज तेली ( Ghanchi Kshatriya teli ) के नाम से भी जाना जाता है । घांची तेली नाम भारतीय मूल का हैं, घांची लोग जो की गुजरात में तेल और घी आदि का व्यापार करते हैं. घांची लोग सामान्यतः अहमदाबाद, नवसारी, सूरत, वलसाड, बिलिमोरा में, मोढ़ घांची मूलतः मोढेरा गुजरात से निकले हुए हैं. सौराष्ट्र, अमरेली, बगासरा, बिलखा , भावनगर, जूनागढ़, कलोल, मुंबई, दिल्ली, कादी, राजस्थान में, पाली, सॉजत, सुमेरपुर, जोधपुर के कुछ हिस्सों में मोढ़ घांची पाये जाते है ।