93 वर्ष पूर्व 1930 में यही सितंबर माह था जब छत्तीसगढ़ के नवयुवा युुवती और ग्रामीणों में देश प्रेम का भाव उफान पर था। सत्याग्रहियों ने अंग्रेजी शासन की नीति का पुरजोर विरोध करने कमर कस लिए थे। धमतरी के लमकेनी गांव के युवा मिंंधु कुम्हार और रतनु यादव (11 सितंबर 1930) राजनांदगांव बदराटोला गांव के युवा रामाधीन गोंड
राजिमधाम की अधिष्ठात्री देवी माता राजिम छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में स्थित राजिम नगर को प्राचीन काल में पद्मावतीपुरी और कमल क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। ईसवी सन की चौथी - पांचवीं सदी में हैहयवंशी राजा जगतपाल के काल में तैलिक वंश की दिव्य नारी पद्मावती के पुण्य स्मरण में नगर का नाम पद्मावतीपुरी पड़ा था । इसी तरह हैहय - कलचुरी वंश के प्रतापी कमल राज 10 वीं
संत तुकारामाचे अभंग सन्तु तेली / संताजीचे तोंडपाठ होते. ते संताजी लिहून काढी. यामुळेच आज आपल्याला तुकारामाची महान गाथा पाहाव्यास मिळत आहे. हे महान कार्य करणारे श्री संत संताजी जगनाडे महाराज हे संत तुकाराम महाराजांच्या १४ टाळक-यांपैकी एक होते दुसरे टाळकरी गवारशेठ वाणी व संताजी यांची समाधी सुदुंबरेला आहे.
जमशेदपुर : रविवार को अखिल भारतीय तैलिक साहू महासभा (साहू समाज ) का वार्षिक महासम्मेलन एवं पारिवारिक मिलन समारोह में साहू समाज की एकजूटता और संगठन मजबूती पर चर्चा हुई। साथ ही समाज, शिक्षा, चिकित्सा, वैवाहिक वर-वधु का फोटो बायोडाटा जमा करने आदि मुद्दे पर मंथन किया गया। मौके पर सभी अतिथियों को पगड़ी पहनाकर
प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी जिला साहू संघ रायपुर ग्रामीण के तत्वाधान में साहू समाज युवक-युवती परिचय सम्मेलन एवं नवनिर्मित भवन का लोकार्पण कार्यक्रम का आयोजन रखा गया है । कार्यक्रम के - मुख्य अतिथि मान. श्री अरुण साव जी उप मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ शासन, अध्यक्षता मान. श्री टहल साहू जी अध्यक्ष-प्रदेश साहू संघ छ.ग.