Sant Santaji Maharaj Jagnade
लोहरदगा :- छोटानागपुरिया तेली उत्थान समाज की बैठक रविवार को तेली धर्मशाला में जिलाध्यक्ष कृष्णा प्रसाद साहू की अध्यक्षता में हुई । इसमें समाज के विकास, कुरीतियों को दूर करने, शिक्षा को महत्व देने सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई । बैठक में कृष्णा प्रसाद साहू ने कहा कि आपसी सहयोग के बिन समाज नही बढ सकता है । विशेषकर युवा शक्ति को आगे आना होगा । युवा पीढी में सकारात्मक बौद्धिक विकास जरूरी है ।
इलाहाबाद :- हर हर मोदी घर घर मोदी ? पंतप्रधान तेली आहेत आपला अभिमान देशाचा पंतप्रधान म्हणुन महाराष्ट्रात व देशभरात मोदींच्या तेली जन्मा मुळे हिमालयाची उंची गाठणारे प्रेम निर्माण करून लाभार्थी होण्यासाठी तुकडा सुद्धा पुरा आहे. आणी तो मिळवणारे आहेत. त्या साठी तेली समाजाचे संघटन कामाला जुंपवून मिळालेला तुकडा म्हणजे संपूर्ण सुर्य समजुन सत्काराचे फड गाजवणारे आहेत.
छत्तीसगड - या राज्यातील 12 वी परिक्षेचा निकाल नुकताच लागला आहे. या मध्ये पहिला टॉपर धावेंद्र कुमार साहु हा 98.60 टक्के गुण मिळवून टॉपर मध्ये प्रथम आला आहे. गोपाल प्रसाद साहू 95.80 या तेली साहू समाजातील विद्यार्थांचे अभिनंदन साहू सेनेने केले आहे.
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संत संताजी जगनाडे महाराज का जन्म सन 1625 में महाराष्ट्र के पुना (चाकण) में हुआ था । उनके नाना का नाम भिवा जगनाडे पिता का नाम विठोबा जगनाडे और माता का नाम मथुबाई था । और उनका परिवार महान विठ्ठल भक्त था । उनके पिताजीने उन्हे घर मै ही पढाई लिखाई की शिक्षा दि । 12 वर्ष की आयु में उनका विवाह हो गया था । वे पैत्रिक तेल का व्यवसाय करने लगे, किन्तु एक दिन उन्होने संत तुकाराम का किर्तन सुना और उनके शिष्य हो गये ।
महाभारत के शांतिपर्व के वर्णन अनुसार, ऋषि जाजलि ने कठोर तप कर सिद्धि प्राप्त की, जिस पर उसे गर्व था । ऋषि के अहंकार से नाराज होकर उसके गुरू ने कह दिया कि वाराणसी का तेली समाज वैश्य तुलाधर संसार भर में धर्मात्मा, तपस्वी एवं तत्वदर्शी है । प्रतिस्पर्धी स्वभाव वस ऋषि जाजलि ने धर्मात्मा तुलाधर से भेंट कर पुछा कि अनेक प्रकार के तेलों एवंद्रव्यों का व्यापर करते हुए भी तुम्हें दार्शनिक अंतर्दृष्टि कैसे प्राप्त हुई । Dharmatma Teli Tuladhar