मेहनत व ईमानदारी के बलबूते बड़ा से बड़ा कार्य किया जा सकता है। बस लगने की जरूरत होती है। इसी वाक्य को अपने जीवन में उतारकर सम्मान व प्रतिष्ठा के साथ जीवन जीने का सूत्र बताते हैं डॉ. धीरेन्द्र साव। सभी के मन में अपनी अलग पहचान बना पाने में सफलता हासिल की। प्राथमिक शिक्षा बुन्देली स्कूल से कक्षा पहली से सातवी तक फिर कक्षा 8वीं से 11वीं तक महासमुन्द में हुई। स्कूली पढ़ाई के दौरान कक्षा 6वीं की पढ़ाई में नाटक मंचन के माध्यम से कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई।
स्वामी विवेकानंद जी को अपना आदर्श मानने वाले श्री नंदकुमार साहू सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में रचनात्मक कार्यों के साथ निरंतर अग्रसर हैं। राजनीति हो या समाजसेवा का क्षेत्र, हमेशा पार्टी व जनता के द्वारा दिए मौंको को जनता-जनार्दन की सेवा में समर्पित भाव से काम किए। राजनीति का एक ही फार्मूला हैं उस तबके के लिए पूरी ताकत झोंक देना, जो समाज में पिछड़ गया है।
मिलनसार, जुझारु श्री सत्यप्रकाश साहू को बचपन से ही कुछ न कुछ नया करने की ख्वाहिश रखते थे। इसी सोच व संकल्प को मूर्त देने के लिए सामाजिक उत्थान की दिशा में सार्थक पहल करते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे है। समाज सेवा के क्षेत्र में निरंतर कार्य करते आ रहे हैं। ग्रामीण परिवेश में पले बढ़े हैं। खेती-किसानी के कार्यो में आपकी काफी रुचि रही है। घर की खेती-किसानी के कार्यो में हमेशा हाथ बंटाया।
अभिमान से बचो, स्वाभिमान को मत त्यागो- अपने मेहनतकश पिता को इस सोख पर सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन में निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। राजनीति हो या जीवन पथ, सादगी व संयमित जीवन शैली, कठिन से कठिन इगर पर चला जा सकता है। सफलता पाई जा सकती है। ऐसे ही शख्सियत है डॉ. रामकुमार साहू। पिता श्री रामविशाल साहू से जनसेवा के लिए राजनीति करो, धनोपार्जन के लिए नहीं की सीख हमेशा मिलती रही।
कमल कृतघ्न वे लोग जो करते पूर्वजों का सम्मान नहीं दिशाहीन वह जाति जिसमें गौरव स्वाभिमान नहीं। साहू समाज को एक सूत्र में पिरोने और संगठन के रूप में आगे बढ़ाने का महत्वपूर्ण कार्य करने वाले नींव के पत्थर स्व. श्री उदयराम साहू जी आजीवन समाज के वैचारिक उन्नति और संगठनात्मक मजबुती हेतू कार्यरत रहे। अपनी जाति एवं पूर्वजो के गौरव का एहसास कराने वाली उपरोक्त पंक्तियों के रचयिता थे स्वं उदयराम जी छत्तीसगढ़ साहू संघ के वर्तमान भव्य स्वरूप के आधार स्तंभ रहे उदयराम जी ने तैलिक साहू सम्पर्क पत्रिका के माध्यम से साहू समाज को वैचारिक उन्नति प्रदान की।