महासमुंद जिला मुख्यालय से करीब 60 किमी दूर स्थित है गांव गुनगासेर । यह वही ऐतिहासिक गांव है, जहां 15 मई 1975 को साहू समाज के मुखिया और ग्रामीणों ने मिलकर एक ऐसा आदर्श प्रस्तुत किया, जो इतिहास के पन्नों में आना गौरवशाली बन चुका है। बड़े बुजुर्ग बताते हैं कि सन् पचहत्तर में क्षेत्र में भीषण अकाल की स्थिति थी।
लाालपुर (बागबाहरा) निवासी 84 वर्षीय ला जैतराम साव मुनगसेर सामूहिक आदर्श विवाह के प्रमुख कार्यकर्ता थे। वे उस कार्यक्रम की तैयारी और भव्य आयोजन को याद कर आज भी रोमांचित हो उठते है। श्री साव बताते हैं कि अकाल की स्थिति थी, किसान मजदूर परिवार के समक्ष भूखमरी की नौबत आन पड़ी थी। तब समाज प्रमुखों ने भीखापाली में सम्मेलन आयोजित कर विचारविमर्श किया कि जिन युवक-युवतियों के विवाह को इस साल टाला नहीं जा सकता है,
स्व. साहूराम साहू जी ग्राम-देवरी (बागबाहरा) समाज के कुरहा सयानों में अग्रगण्य थे। उनके घर 02.02.39 को पुत्र रत्न की स्व. प्राप्ति हुई। उस समय उनकी शिक्षा-दीक्षा गांव में ही हुई वे नवमी तक की पढ़ाई पूरी किए। जैसे-जैसे वे बढ़ते गए, घर के वातावरण औ पिताजी के दिनचर्या से प्रभावित होकर उन्ही के नक्शे कदम पर सामाजिक आयोजनों बैठकों में सम्मिलित होते गए वही से उन्हें समाज सेवा की प्रेरणा मिली।
जीवन में हमेशा स्वयं खुशी से बढ़कर अपनों जा की खुशी के लिए जीने की राह कठिन जरूर होती है, पर असंभव नहीं। जिंदादिली के साथ जीवन जीने की प्रेरणा से युवा प्रकोष्ठ छ.ग. साहू संघ के प्रदेश संगठन सचिव श्री रोहित साहू अपने कर्मपथ पर निरंतर अग्रसर है। बड़े-बुजूर्गों के प्रति आदर भाव व छोटो के प्रति अपार स्नेह रखने वाले श्री साहू का जीवन बहुत की सरल है।
साधारण परिवार से नाता रखने वाले श्री पप्पू साहू का जीवन समाज विकास की दिशा में निरंतर अग्रसर है। छोटे से गांव में रहकर बड़ा से बड़ा कार्य करने का जज्बा के साथ जीवन के सफर में निकल चले है। कुछ हद तक सफलता मिल भी गई और बहुत कुछ हासिल करने की इच्छा है। बचपन की बातें के बारे में बताया कि, हमारे गाँव में स्व. शिवकुमार साहू जो लवन परगना के अध्यक्ष थे, राजा साहेब के नाम से जाने जाते थे। बीस साल से परगना के अध्यक्ष का काम किए।