Sant Santaji Maharaj Jagnade साधा-सरल स्वभाव तथा लोंगो से मिलनसारिता का गुण सामाजिक एवं व्यवहारिक जीवन में खास महत्व रखता हैं। मिलनसार व्यक्तित्व के लिए क्षेत्र में लोकप्रिय श्री बाबूलाल साहू का जीवन सरलता व सादगी से भरा हुआ है। अपनी बातों को मजबूती के साथ रखने के लिए आप जाने व पहचाने जाते है। क्षेत्र चाहे राजनीति का हो या समाज सेवा को, मिलनसारिता महत्वपूर्ण होती हैं।
परिचय: छत्तीसगढ़ प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रमशीला साहू पति डॉ. दयाराम साहू (पूर्व विधायक, गुंडरदेही) का जन्म 22 सितम्बर 1960 को ग्राम बोरसी (मुरमुंदा), तहसील धमधा, जिला दुर्ग में हुआ। श्रीमती साहू की शैक्षणिक योग्यता बी.ए. (वर्ष 1981, घनश्याम आर्य कन्या महाविद्यालय दुर्ग) आयुर्वेद रत्न (वर्ष 1983-84 भिलाई) है। इनका विवाह डॉ. दयाराम साहू, ग्राम बटरेल, तहसील पाटन, जिला दुर्ग से वर्ष 1981 में हुआ।
जमीन से जुड़े सेवक के लिए पद में रहे या ना रहे उनमें कुंठा नहीं होती है। जनाधार वाले नेता को उन्हें हर हाल में मजबूत बनाये रखता है। जनसंपर्क उनकी उर्जा होती हैं। श्री चुन्नीलाल साहू जी ऐसे ही जमीनी नेता हैं, जिन्होने हमेशा से क्षेत्रवासियों को मदद के लिए हर संभव प्रयास किया है। श्री साहू की चर्चा एक ऐसे समाज सेवक के रूप में देखने व सुनने को मिलता हैं जो हर प्रकार से सेवा को ही अपना प्रमुख उद्देश्य मानते है।
गुरू परमानंद के आदेश पर जिलास्तर में साहू समाज को संगठित कर सही दिशा में चलाने के संकल्प के साथ सक्रिय हुए। श्री साव की सक्रियता के कारण सन् 1974 में आरंग के अधिवेशन में उन्हें निर्विरोध जिला अध्यक्ष चुना गया। समाजवादी विचारधारा के अनुरूप श्री साव ने रीति-रिवाजों में बदलाव के अनेक सुझाव प्रस्तुत किये जिसे समाज ने सहर्ष स्वीकार कर लिया। इनमें सबसे महत्वपूर्ण 'आदर्श सामूहिक विवाह'। श्री साव के इस अभिनव प्रयोग को ग्राम मुनगासेर में अक्षय तृतीया के दिन 15 मई 1975 को भव्य समारोह आयोजित करने का निर्णय लिया गया।
आज के दौर में अपने आप को स्थापित कर पाना एक मुश्किल भरा कार्य होता हैं, ऐसे में आदर्शवादी सिद्धांत । के साथ पूरी सक्रियता से न सिर्फ अपने आप को स्थापित किया, बल्कि अन्य सभी के लिए प्रेरणा के पात्र बने। नाम के अनुरूप साहू समाज के लिए गौरव, आदर्श व्यक्तित्व के धनी कुरूद निवासी श्री प्रेमलाल साहू जी की अपनी अलग पहचान है। स्वच्छ एवं निर्भीक पत्रकारिता की एक नई परिभाषा लिखकर जन मानस के बीच लोकप्रिय हुए। आज क्षेत्र के साथ पूरे प्रदेश में श्री साहू जी का नाम सम्मान के साथ लिया जाता है....