Sant Santaji Maharaj Jagnade
छोटानागपुरियातेली उत्थान समाज की बैठक बुधवार को तेली धर्मशाला में हुई। इस मौके पर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय तैलिक युवा मोर्चा के अध्यक्ष रिपुसूदन साहू ने कहा कि अधिकार पाने के लिए तेली समाज को आगे आना होगा। हमें जनआंदोलन की रूपरेखा तैयार कर राज्य में अपना वर्चस्व दिखाना होगा तभी अधिकार मिल सकेगा। जिला अध्यक्ष कृष्ण प्रसाद ने कहा कि तेली जाति आरक्षण की मांग के लिए सड़क से सदन तक संघर्ष कर रही है। अब समाज के सहयोग से केंद्र सरकार को अपनी शक्ति से अवगत कराएंगे।
तहसील साहू संघ मगरलोड के तत्वाधान में तेली साहू युवक-युवती परिचय सम्मेलन का आयोजन 8 जनवरी को सुबह 11:00 बजे से मधुबनधाम रांकाडीह (मगरलोड) कर्मा मंदिर में किया गया है । इस सम्मेलन में प्रतिभावान छात्र छात्राओं का सम्मान नव वर्ष मिलन समाज सेवायों एवं सेवानिवृत्त अधिकारी कर्मचारियों का सम्मान किया जाएगा । परिचय सम्मेलन के मुख्य अतिथि महासमुंद सांसद चंदूलाल साहू होगे ।
लखनऊ मलिहाबाद में साहू तेली समाज मे राजनीतिक व सामाजिक जागरुकता के लिए प्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन मलिहाबाद क्षेत्र के जु्झारु नेता ओमप्रकाश साहू 'मुन्ना' ने किया, कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि श्री अमृत लाल साहू जी (साहू राठौर चेतना महासंघ -संस्थापक व अध्यक्ष एवं पूर्व अपर जिलाधिकारी) तथा साहू राठौर चेतना महासंघ के अन्य पदाधिकारी श्री कैलाश नाथ साहू जी, लखनऊ तेली साहु समाज राजनीतिक व सामाजिक जागरुकता सम्मेलन
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छत्तीसगढ के तेली साहू समाज में प्रचलित गोत्रं
ब्रम्हा के पुत्र कषपय ऋषि को आदि गोत्र पिता एवं आदिति को गोत्र माता माना जाता है । अभी तक चिन्हित 903 गोत्रों में से लगभग 85 गोत्र छत्तीसगढ में प्रचलन में है :-
1) अष्ठबंधु 2) अठभैया 3) आडिल 4) अटभया 5) अटलखाम 6) अरठोना 7) अडील 8) आटनागर 9) आडी 10) कन्नोजिया 11) कलिहारी 12) कष्यप 13) कुंवरढांढर 14) किराहीबोईर 15) किरण 16) केकती 17) गंजीर 18) गंगबेर 19) गंगबोइर 20) गजपाल 21) गायग्वलिन 22) गाडागुरडा 23) गुरूपंच 24) गुरूमाणिक पंच 25) गुरू पंचांग 26) घिडोरा 27) चंदोले 28) चंदन मलागर Teli Sahu Samaj Gotra Chhattisgarh
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भारत वर्ष में सन 1931 में अंतिम बार जाति आधारित जनगणना हुई थी, जिसके आधार पर 3 से 4 प्रतिषत जनसंख्या अनुमानित है । छत्तीसगढ के रतनपुर राज्य सन 1818 से 1820 तक अंग्रेज अधीक्षक कर्नल एग्न्यू द्वारा परिवारों की गणना करायी गई थी, जिसमें साहू परिावर 9.5 प्रतिशत पाये गये । सन 1931 की जनगणना अनुसार साहू समाज की जनसंख्या 10.5 प्रतिशत थी । इसके बाद सरकार की नितियो में अनुकूलता के कारण पडोसी राज्यों से बडी संख्या में अगमन हुआ ।