आज से लगभग हज़ारो वर्ष पूर्व तमिलनाडु में मदुरई के पास एक गांव में कोवलन नामक वानिया चेट्टीयार ( तेली समाज वैश्य ) रहता था। कोवलन की पत्नी का नाम कन्नगी था। कन्नगी कोवलन से असीमित प्रेम करती थी। कन्नगी वेदों शास्त्रो की ज्ञाता थी और उच्च कोटि की पतिव्रता थी। कोवलन एक व्यापारी था और व्यापार के कारण अक्सर उसे बाहर जाना पड़ता था। एक बार कन्नगी ने अपने हाथ के सोने के कंगन कोवलन को बेचने हेतु दिए। कोवलन व्यापार के लिये बाहर गया। एक नर्तकी जिसका नाम माधवी था, कोवलन उसी के यहाँ रुक गया और उस स्त्री से उसके सम्बन्ध बन गए। लेकिन कुछ दिन बाद कोवलन को ऐसा एहसास हुआ की मेरी पत्नी कन्नगी मेरी राह देख रही होगी। जो मैं कर रहा हूँ, वह गलत है। ऐसा विचार कर कोवलन वापिस घर लौटने की सोचने लगा।
वलसाड वापी साहू तेली समाज स्वतंत्रा दिवस के उपलक्ष्य में एमडी विद्यालय श्रीरी, वापी गुजरात मैं स्वतंत्रता दिवस समारोह आयोजित किया गया था । समारोह में ध्वजारोहण कार्यक्रम आयोजित किया गया । उसके बाद स्कूल स्कूल के बच्चों को 15 अगस्त के महत्व के बारे में समझाया गया ।
वलसाड गुजराती तेली समाज प्राथमिक विद्यालय धरमपुर, राजमहल रोड, जिला वलसाड गुजरात में तेली समाज के समाज सेवियों के द्वारा ध्वजारोहण किया गया । इसके साथ ही विद्यालय की गुणवान विद्यार्थी और विद्यार्थियों को पुरुस्कृत कर मिठाई वितरित की गई । इस समारोह में कुल 24 विद्यार्थी विद्यार्थियों का भव्य सत्कार समारोह आयोजित किया गया था ।
तेली समाज वापी गुजरात श्रावण मास हिंदुओं का अति पवित्र महा है । इस पवित्र माह में शिव की आराधना युवा जलाभिषेक तथा पूजा अर्चा बडे हर्षोल्लास से की जाती है । इसी महीने में कांवड़ियों की सेवा के लिए तेली समाज ने शिव मंदिर संजन रोड मालवा बस स्टॉप के नजदीक जल चढ़ाने एवं कांवड़ियों को फल जूस युवक पानी पिलाकर उनकी बड़ी भक्ति भाव से सेवा की ।
छठ पर्व बिहार और उत्तरांचल का विशेष पर्व है । दमन में रहने वाले बिहार और उत्तरांचल के लोग बड़ी संख्या में समुद्र किनारे पर हर वर्ष छठ पूजा करते हैं । इन सभी लोगों को सुविधा हो इसीलिए भारतीय तेली (तैलीक) साहू राठौर महासभा में छठ पर्व के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं को राहत पहुंचाने के लिए समुद्र किनारे पर पेयजल और चाय पानी का स्टाल निशुल्क लगाया था ।