आज सर्वत्र जिस सामुहिक आदर्श विवाह की जो चर्चा हो रही है। जिसे एक क्रांतिकारी पहल के साथ-साथ विचारक्रांति I के रूप में आज देश-विदेश में लागू किया जा रहा है। उसे प्रथम बार आज से 42 वर्ष पूर्व जिन स्वप्न दृष्टाओं में साकार किया, उनमें से एक प्रमुख नाम है। स्व. नाथूराम साहू जी की। तात्कालीन सामाजिक कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों में आपका स्थान तत्कालीन सामाजिक कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों में आपका स्थान अग्रगण्य है इस आदर्श विवाह में नींव रखने वाले नींव के पत्थर कहें तो इसमें अतिश्योक्ति नहीं होगी।
स्व. विसाहूराम साहू जी ग्राम-देवरी (बागबाहरा) समाज के कुरहा सयानों में अग्रगण्य थे। उनके घर 02.02.39 को पुत्र रन की प्राप्ति हुई। उस समय उनकी शिक्षा-दीक्षा गांव में ही हुई वे नवमी तक की पढ़ाई पूरी किए। जैसे-जैसे वे बढ़ते गए, घर के वातावरण औ पिताजी के दिनचर्या से प्रभावित होकर उन्हीं के नक्शे कदम पर सामाजिक आयोजनों बैठक में सम्मिलित होते गए वहीं से उन्हें समाज सेवा की प्रेरणा मिली।
स्व. जीवन लाल साव छत्तीसगढ़ के चर्चित समाजवादी नेता थे । सन १९७४ में रायपुर जिला साहू संघ के निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए थे । स्व. जीवन लाल साव छत्तीसगढ़ के चर्चित समाजवादी नेता थे । सन १९७४ में रायपुर जिला साहू संघ के निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए थे । वे भूमिहीन किसानो के नेता थे इसलिए गरीबों के प्रति उनके मन में पीड़ा थी । यद्यपि सामूहिक विवाह की कल्पना गायत्री परिवार के संस्थापक श्री राम शर्मा ने की थी किन्तु मूर्तरूप दिया था स्व. जीवन लाल साव ने ।
विगत वर्षो की भांति इस वर्ष भी रविवार दिनांक 19 जनवरी 2014 को दोपहर 12:00 बजे भामाशाह छात्रावास टिकरापारा रायपुर छत्तीसगढ़ में साहू समाज युवक-युवती परिचय सम्मेलन आयोजित किया गया है । पंजीयन की अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2013 । इस कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर कार्यक्रम को सफल बनाने का आवाहन रायपुर शहर जिला साहू संघ की ओर से किया गया है ।
कोल्हापूर लिंगायत तेली समाज को ट्रस्ट व बसवेश्वर को-ऑपरेटिव्ह क्रेडिट सोसायटी लिमिटेड कोल्हापूर यांच्या संयुक्त विद्यमाने आयोजित महाराष्ट्र राज्य व्यापी लिंगायत तेली समाज कोल्हापूर वधू-वर पालक परिचय मेळावा केशवराव भोसले या भव्य नाट्यगृहात आयोजित केला आहे. समाजाचा सर्वांगीण विकास उत्कर्ष प्रगती त्याची व हाच खरा धर्माचा हेतू अल्प वेळात कमीत कमी खर्चात जास्तीत जास्त उपयुक्त हात या मेळाव्याचा उद्देश सर्वांनी एकत्र यावे एकमेकांना भेटावे आढावा तो वृद्धिंगत व्हावा नवीन नाती निर्माण व्हावी हा ध्यास या उदात्त हेतुने हा मेळावा साकार होत आहे.