Sant Santaji Maharaj Jagnade
साहू समाज के आराध्य देवी भक्त माता कर्मा देवी की 1005 वीं जयंती 7 अप्रैल 2021 को बिहार प्रदेश, जमुई में धुमधाम से मनायी गई, कार्यक्रम के सफल संचालन करने का दायित्व अखिल भारतीय तेली महासभा बिहार के प्रदेश मंत्री श्री नीतीश शाह जी को सौंपा गया । इस उत्सव में साहू समाज के सैंकड़ों लोग सम्मिलित हुए, साहू समाज की आराध्य माँ कर्मा देवी की पूजा अर्चना कर महाप्रसादी का वितरण किया गया ।
३ एप्रिल अमरावती : प्रा.स्वप्निल खेडकर हे 10 वर्षापासून समाजामध्ये काम करत असतांना त्यांनी युवा वर्गासाठी केलेले वेगवेगळे सामाजिक उपक्रम प्रेरणादाही ठरत आहे. नेहमी समाजासाठी जनजागृती करत त्यांनी अनेक कार्यक्रम घेतले. कोरोना काळात नुकताच संताजी जगनाडे महाराज विषयी प्रश्नमंजुषा तयार करून घर घरात संताजी महाराजांची ओळख निर्माण व्हावी हा स्तुत्य उपक्रम घेतला. आपल्या मनमिळाऊ स्वभावाने त्यांनी अनेक संघटना मध्ये काम करत असतांना आपली एक ओळख निर्माण केली. कुठलाही भेदभाव न करता समाज एकत्र कसा येईल यासाठी विशेष प्रयत्न ते करत आहे.
संत संताजी अध्यासन - तेली समाज
माता कर्मा की जंयती के उपलक्ष पर प्रेस वर्ता तेली साहू सामाज शहडोल संभाग के राठौर नही है राजपूत - विधायक किसोर संविते
अनूपपुर - तेली साहू सामाज को बढाने के लिये अनूपपुर जिला में प्रेस वर्ता उपस्थित लाची जिला बालाघट के विधायक किशोर सविते राष्टीय तेली साहू संगठन मंत्री जेपी साहू निवासी शहडोल रविकान्त साहू , साहू तेली सामाज के प्रदेश अध्यक्ष सामाज पिछड़ा हुआ हैप्रेस कॉन्फेस के माध्यम से बालाघाट के विधायक किशोर सविते ने बताया कि तेली साहू समाज आज भी पिछड़ा हुआ है । इसको बढाने के लिये प्रेस कॉन्फेस के माध्यम से समाज को जगरूप करने के लिये अनूपपुर में संगठन बनाने हेतु वर्तालाभ किया गया ।
पाटन तहसील क्षेत्र के 96 इकाई के साहू परिवारों ने भी घर पर निभाई परंपरा
पाटन पापमोचनी एकादशी पर साहू समाज ने देवी भक्त माता कर्मा की जयंती मनाई। कोरोना महामारी के चलते पाटन तहसील संघ के आह्वान पर सभी 96 इकाई के साहू परिवारों ने भी अपने घरों में रहकर पूजा की, परंपरा निभाई। माता कर्मा और भवगान जगन्नाथ की आरती कर भोग लगाया।
चैत्र माह के कृष्णपक्ष की एकादशी पर बुधवार को साहू समाज ने अपनी आराध्य माता कर्मा की 1005 वीं जयंती मनाई। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार जिले की आठों तहसील में किसी तरह का सामूहिक आयोजन नहीं हुआ। समाज के पदाधिकारियों से लेकर हर सदस्य ने अपने घर पर ही सुबह भक्त माता कर्मा की पूजा की। उन्हें खिचड़ी का भोग लगाया।