Sant Santaji Maharaj Jagnade
राज्यात आज अनेक संस्था विविध उपक्रमांतून समाजाची सेवा करत आहेत. त्यांची समाजाप्रती असलेली बांधिलकी कौतुकास्पद आहे. अशा संस्थांचा संताजी सेवक संस्थेच्या वतीने गौरव करून त्यांना त्यांच्या कामास प्रोत्साहन देत आहे,' असे प्रतिपादन पुणे येथील श्री संताजी सेवक संस्थेचे अध्यक्ष मोहनराव देशमाने यांनी केले. पुणे येथील श्री संताजी सेवक संस्थेच्या वतीने अहमदनगरच्या तिळवण तेली समाज ट्रस्टला उत्कृष्ट संस्थेचा राज्यस्तरीय पुरस्कार अध्यक्ष मोहनराव देशमाने यांच्या हस्ते सचिव प्रभाकर देवकर व खजिनदार प्रसाद शिंदे यांना प्रदान करण्यात आला. त्याप्रसंगी ते बोलत होते. या वेळी प्रभाकर देवकर, प्रसाद शिंदे आदींची भाषणे झाली.
क्षेत्रवासियों की सुख-दु:ख में अपनी बराबर सहभागिता देने वाले मिलनसार व्यक्तित्व के धनी श्री बावृलाल साहू का जीवन सरलता से परिपूर्ण है। क्षेत्रवासियों एवं समाज के लोगो की सहयोग के लिए सदैव उपलब्ध रहते हैं। उनकी सेवा भावना से सभी लोग प्रभावित है। क्षेत्र में साफ सुथरी छवि तथा मिलनसारिता के लिए जाने व पहचाने जाते हैं।
संत संताजी अध्यासन - तेली समाज
कसडोल तहसील के ग्राम सर्वा के मध्यमवर्गीय परिवार में जन्में हंसमुख स्वभाव के धनो श्री मेलाराम साहू किशोरावस्था से ही क्षेत्रवासियों की मदद के लिए सदैव तत्पर रहते है। समाजसेवा की भावना से भारतीय जनता पार्टी का झण्डा थामकर क्षेत्र के विकास के लिए निरंतर अग्रसर है। श्री साहू ने लोकप्रियता नहीं वरन लोकहित को सर्वोपरि मानकर समाज के सभी वर्गों के विकास के लिए दृढ़ संकल्पित है।
शुरू से ही परिवार व समाज के लिए कुछ करने की चाहत के साथ श्री लेखराम साहू सेवा के क्षेत्र जुड़कर निरंतर कार्य कर रहे है। पढ़ाई-लिखाई में सामान्य रहे। खेती-किसानी से पूरा परिवार सामन्य जीवन शैली से जीवन यापन करते आ रहे हैं। स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति के विकास के उद्देश्य से बिजनेस की ओर झुकाव हो गया। बिजनेस में जुड़ने के बाद आगे पढ़ाई नहीं कर पाये। पूरी तरह व्यवसायिक जीवन से नाता जोड़कर कार्य करने में लग गए।
हंसमुख एवं जिंदादिली के साथ लोंगो से मिलने वाले वाले श्री कामता प्रसाद साहू का जीवन बहुत ही अनुभवों व संस्कारों से भरा हुआ है। छात्र जीवन से ही सेवा के क्षेत्र से अपने आप को जोड़ लिया है। स्कूली जीवन में अपने आप को हर कार्यक्रम में आगे रखने की सोच के साथ निरंतर व्यक्तित्व विकास एवं समाज विकास को सोच के साथ अग्रसर है। बचपन से ही दादा ओ स्व. श्री फिरूराम साहू को सामाजिक कार्यों में लोगों से मिलते जुलते देखते थे तभी से ही समाज सेवा को अपना मूल कर्म यनाने को संकल्प ले लिया।