Sant Santaji Maharaj Jagnade
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आपको सूचित करने में गर्व हो रहा है कि राष्ट्रभक्त भामाशाह जयंती समारोह बड़े ही धूमधाम से बेगूसराय शहर के गांधी स्टेडियम में दिनांक को 23 अप्रैल 2017 को संपन्न होने जा रहा है । राष्ट्रभक्त दानवीर भामाशाह का जन्म भारत की आन बान शान के लिए प्रसिद्ध राजस्थान के अलवर नामक स्थान में 23 अप्रैल 1547 ई तैलिक वैश्य कुल के कांबरिया गोत्र में हुआ था । मेवाड़ हिंदू शिरोमणी महाराणा प्रताप की सेना ने मुगल सम्राट अकबर की सेना से वर्षों तक वीरता पूर्वक युद्ध किया ।
तहसील साहू संघ बेरला एवं जिला साहू संघ बेमेतरा के संयुक्त तत्वाधान में ग्राम मौली में भक्त माता कर्मा जयंती सामुहिक विवाह एवं संत समागम कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें.... सामुहिक आदर्श विवाह में 19 जोड़ो का विवाह सम्पन हुआ एवं मौली माता प्रांगण में भक्त माता कर्मा के मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम
सम्पन हुआ जिमसें....
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में
मा. ताम्रध्वज साहू (सांसद दुर्ग लोकसभा) अध्यक्षता :-
संत संताजी अध्यासन - तेली समाज
समस्त साहू परिवार सादर आमन्त्रित है साहू चेतना मंच उ०प्र० के तत्वाधान में छठवाँ सामूहिक विवाह साहू समाज कौशाम्बी कार्यक्रम दिनांक - 16 अप्रैल 2017 दिन रविवार कार्यस्थल - प्रेम साहू मैरिज हाल देवीगंज!!
साहू चेतना मंच उत्तरप्रदेश के तत्वाधान में छठवा सामूहिक विवाह साहू समाज कौशांबी कार्यक्रम दिनांक 16 अप्रैल 2017 दिन रविवार, कार्यक्रम स्थान प्रेम साहू मैरिज हॉल देवीगंज कौशांबी मैं होने जा रहा है ,
बाबा नायक की जय , तेली समाज का कुल देवता बाबा नायक की पूजन समारोह 8 एवं 9 अप्रैल दिन शनिवार एवं रविवार को गंजो वाली मधुपुर बीजू बन में संपन्न हुआ यह पूजा तेली समाज को अति पिछड़ा मिलने की मुरादें पूरी होने पर रखी गई इस समारोह का मुख्य यजमान दिलीप साह राष्ट्रीय संयुक्त सचिव अखिल भारतीय तेली साहू महासभा युवा विंग बना इस कार्यक्रम में भगत श्री जनार्दन साह बना कार्यक्रम की सफलता में पहुंचे जिलाध्यक्ष डॉक्टर नीरज साह प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य मनोज कुमार उर्फ मंटू जी प्रदेश के तेली समाज के नेता श्री नरेश साह प्रदेश के कई पदाधिकारीगण के अलावे भिन्न-भिन्न जिले के पदाधिकारी गण पहुंचे
संत संताजी महाराज जन्म पुण्याजवळील मावळ तालुक्यातील चाकण येथे सन् 1545 झाला. एका वारकरी असलेल्या विठोबा जगनाडे आणि आई मथुबाई यांना सन् 1545 मधे पुत्ररत्न झाले. विठोबा यांचा व्यवसाय तेल घाण्याचा होता. संताजी 10 वर्षाचे झाले आणि वडील विठोबा यानि त्यांना तेलधंद्याचा परिचय करुण द्यायला सुरवात केलि. शिक्षण तसे फारस नव्हते लिहिता वाचता येईल व्यवसायतील हिशोब ठेवण एवढच होते. त्या वेळच्या रितिरीवाजाप्रमाने त्याचं लग्न वयाच्या १० व्या वर्षी यमुना बाईसोबत झाले.