बेमेतरा 07 अप्रेल 2017:- बेमेतरा जिला के साजा विकासखण्ड के ग्राम सोनपांडर (परपोड़ी) में 07 अप्रेल 2017 को परिक्षेत्र साहू संघ भटगांव एवं समस्त ग्रामवासी सोनपांडर के द्वारा भक्त मॉ कर्मा जयंती समारोह एवं आदर्श विवाह का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री ताम्रध्वज साहू सांसद दुर्ग लोक सभा, अध्यक्षता में श्री दीपक ताराचंद साहू अध्यक्ष, हस्त शिल्प विकास बोर्ड छत्तीसगढ़ शासन, विशेष अतिथि में श्रीमती कविता साहू, अध्यक्ष जिला पंचायत बेमेतरा एवं विशेष अतिथियों में अन्य अतिथिगण में श्री रामकुमार साहू अध्यक्ष, जिला साहू संघ बेमेतरा, श्री हेमसिंग साहू उपाध्यक्ष तहसील साहू संघ साजा,
तेली साहु समाज आयोजीत भक्त माँ कर्मा जयंती बेमेतरा
कर्मा जयंती ग्राम लेंजवारा बेरला विकासखंड के ग्राम लेंजवारा में साहू समाज द्वारा भक्त माँ कर्मा की जयंती मनाई गई,जिसमे
मुख्य अतिथि
मान. श्रीमती कविता साहू जी
अध्यक्ष
जिला पंचायत बेमेतरा
अध्यक्षता
मान. श्री थानेश्वर साहू जी
राजनादगांव:- 25:03:2017 छुईखदान (डोंगरगांव )तहसील स्तरीय भक्त माँ कर्मा जयंती
भक्त माता कर्मा की 1001 वी जयंती समारोह
दिनांक 25 मार्च 2017 स्थान- छुईखदान(करमतरा)
कार्यक्रम के प्रमुख अतिथिगण
मान. ताम्रध्वज साहू जी, सांसद दुर्ग
मान. रमशीला साहू जी,
भक्त मां कर्मा जयंती रविवार को धूमधाम से मनाई गई पुरानी कृषि उपज मंडी में हुआ मुख्य कार्यक्रम
युवा मां कर्मा का भोजन थामकर जयकारे लगाते बाजीगर जी की धुन पर थिरकते रहे
धमतरी - भक्त मां कर्मा जयंती महोत्सव पर तहसील साहू समाज ने शहर में 1001 Colors की शोभायात्रा निकाली । इसमें 8 परीक्षेत्रों के 134 गांव की सैकड़ों समाज जन शामिल हुए । इस दौरान समाजजनों में काफी उत्साह देखा गया । बा स पा रा साहू छात्रावास परिसर में स्थापित भक्त मां कर्मा की प्रतिमा की समाजजनों द्वारा पूजा अर्चना की गई । इसके बाद गाजे बाजे के साथ शहर में कलश शोभायात्रा निकाली गई ।
तैलिक कुल गौरव "माता राजिम " की कथा भगवान राजिम लोचन मंदिर परिसर के सामने ही राजिम भक्तिन तेलिन मन्दिर है जिसके बारे में एक अनोखी कहानी प्रचलित है। (रायपुर से 45 किमी दूर यह राजिम संगम स्थित है।)
ऐसा कहा जाता है कि इस जगह का नाम राजिम तेलिन के नाम पर ही रखा गया है। पहले इस जगह का नाम पदमावती पुरी था। महानदी, सोंढुर और पैरी इन नदियों के कारण यह जगह उपजाऊ थी, तिलहनों के लिए खासकर यह जगह बहुत ही अच्छी जमीन है। तैलिक वंश के लोग तिलहन की खेती करके तेल निकालते थे। इन्हीं तैलिकों में एक धर्मदासभी था, जिनकी पत्नी का नाम शांति था, दोनों विष्णु के बड़े भक्त थे।