मिलनसार, जुझारु श्री सत्यप्रकाश साहू को बचपन से ही कुछ न कुछ नया करने की ख्वाहिश रखते थे। इसी सोच व संकल्प को मूर्त देने के लिए सामाजिक उत्थान की दिशा में सार्थक पहल करते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे है। समाज सेवा के क्षेत्र में निरंतर कार्य करते आ रहे हैं। ग्रामीण परिवेश में पले बढ़े हैं। खेती-किसानी के कार्यो में आपकी काफी रुचि रही है। घर की खेती-किसानी के कार्यो में हमेशा हाथ बंटाया।
मिलनसार व्यक्तित्व के धनी डॉ. दयाराम साहू का जीवन को टटोला जाय तो अनेको अनुभवों के साथ-साथ प्रेरणात्मक बातें भी नजर आती है। सभी से मिलने जुलने के कारण उनकी छवि हमेशा ही आम लोगो के लिए कौतूहल का विषय रहता है। गायत्री परिवार से जुड़े श्री साहू का जीवन बहुत ही अध्यात्मिकता से भरा हुआ है। धार्मिक विचारधारा से जुड़े हुए व्यक्ति है। किसी भी व्यक्ति का जीवन संघर्ष से हो निखरता हैं।
व्यक्ति के विकास में समाज को भूमिका अहम होती है। समाज से ही संस्कार व प्रेरणा मिलती है। आदर्श जीवन स्थापित करने में समाज हमेशा ही साहस और विश्वास देता है। हमारा साहू (तेली) समाज हमेशा ही अनुकरणीय रही हैं, इसमें ऐसे महान विभूतियों ने जन्म लिए जिनके जीवन से प्रेरणा व सौख लेकर उज्जवल व आदर्श जीवन स्थापित करने में सहायक सिद्ध हो सका।
समाज के बीच रहकर किसी न किसी सामाजिक कार्य में जुटे रहना, शिक्षा, धर्म और समाज सेवा को अपना कर्म बनाने वाले श्री सियाराम साहू जी आज भी अनवरत समाज सेवा के कार्य किये जा रहे है। समाज एवं देश के विकास में हमेशा तत्पर श्री साहू आज भी उसी उर्जा व लगन के साथ काम कर रहे हैं जैसे उन्होंने अपने शुरूआती दिनों में किया करते थे।
कमल कृतघ्न वे लोग जो करते पूर्वजों का सम्मान नहीं दिशाहीन वह जाति जिसमें गौरव स्वाभिमान नहीं। साहू समाज को एक सूत्र में पिरोने और संगठन के रूप में आगे बढ़ाने का महत्वपूर्ण कार्य करने वाले नींव के पत्थर स्व. श्री उदयराम साहू जी आजीवन समाज के वैचारिक उन्नति और संगठनात्मक मजबुती हेतू कार्यरत रहे। अपनी जाति एवं पूर्वजो के गौरव का एहसास कराने वाली उपरोक्त पंक्तियों के रचयिता थे स्वं उदयराम जी छत्तीसगढ़ साहू संघ के वर्तमान भव्य स्वरूप के आधार स्तंभ रहे उदयराम जी ने तैलिक साहू सम्पर्क पत्रिका के माध्यम से साहू समाज को वैचारिक उन्नति प्रदान की।