देवी सिंह राठौर अध्यक्ष राज्य ईकाई, इन्दौर (म.प्र.) राष्ट्रीय तैलिक साहू राठौर चेतना महासंघ
अपना तैलिक समाज देश के हर क्षेत्र में फैला एक विशाल समाज है परन्तु सम्पर्क के अभाव में यह अलग-अलग समूहों में बटा हुआ है। समाज के कुछ पुराने पंथियों ने भी अपनी हठधर्मिता बनाये रखने के कारण इसे अपने तक ही सीमित रखा और उसका उपयोग अपने हित में किया। वर्तमान बदलते युग में जब दुनियां ही आस-पास लगने लगी है तो हमें अपने समाज को प्रगति पथ पर आगे बढ़ाने के लिए एक जुट होना होगा।
तेली समाजातील महान विभुती (भाग 1) सौ. अरूणा इंगवले, अध्यक्ष चिपळूण तालुका तेली समाज महिला आघाडी
जोगा परमानंद
संत नामदेवांचे गुरू म्हणुन प्रसिद्ध असलेले महापुरूष भाई जोगा परमानंद. हे तेली ज्ञातीतील होते. संत नामदेवांच्याआधी त्यांनी उत्तर भारताचा दौरा केला होता. शिखांच्या गुरू ग्रंथसाहिब या धर्मग्रंथात त्यांच्याही काही रचनांचा समावेश आहे. जोगा परमानंद हे अतिशय उच्च दर्जाचे कवी होते.
बिहार प्रदेश तैलिक साहू सभा के अभिनंदन समारोह का आयोजन
प्रदेश अध्यक्ष रणविजय साहू ने बिहार प्रदेश तैलिक साहू सभा के अभिनंदन समारोह में कहा कि पूरे प्रदेश में हमारी जाति की आबादी 7% है, हम दानवीर भामाशाह के वजह है, हमारे खून में सेवा भाव है, परन्तु राजनैतिक साजिश के तहत इस जात को मुख्य धारा से अलग रखने का काम किया गया है।
तालुका मौदा स्नेही सोशल फोरमचे पाचवे वार्षिक स्नेह संमेलन व कोजागिरी कार्यक्रम प्रगती सभागृह वर्धा रोड नागपूर येथे नुकताच पार पडला. यावेळी विशेष अतिथी म्हणून आमदार रामदास आंबटकर, जिल्हा परिषद अध्यक्ष निशा सावरकर, जवाहर विद्यार्थी गृह अध्यक्ष रमेश गिरडे, नगराध्यक्ष स्मृती इखार, स्नेही सोशल फोरमचे अध्यक्ष शंकर लांजेवार होते. तर प्रमुख पाहुणे म्हणून डॉ. ए. जी. भोळे, महामेट्रोचे महाव्यवस्थापक सुधाकर उराडे,
दानवीर भामाशाह के वंशज साहू बंधुओं का अपना एक गौरवशाली इतिहास है। कठोर परिश्रम से धन अर्जित करना और इस धन का मितव्ययता के साथ सदुपयोग करना इस समाज की खास पहचान है। इतिहास साक्षी है,जब-जब राष्ट्र मान और आत्मसम्मान को लेकर कोई विषम परिस्थिति निर्मित हुई है तब-तब साहू समाज ने अग्रणी भूमिका निभाकर सर्वसमाज कल्याण का रास्ता दिखाया है।