८ जानेवारी २०१६ रोजी होनार्या श्री संत संताजी महाराज पुण्यतिथी सोहळ्याच्या नियोजनासाठी महत्वाची बैठक सुदुंबरे ता.मावळ येथे आनंदी वातावरनात पार पडली .
कार्यक्रमासाठी अंदाजे सात लाख रुपये खर्च आहे त्या साठी वर्गनी बाबत जबाबदार्या सोपवन्यात आल्या. मंडप व्यवस्था,जेवन व्यवस्था ,मंदिर सजावट व्यवस्था, पार्कींग व्यवस्था, वाहतुक व्यवस्था या बाबत समीत्यांच्या नेमणुका करन्यात आल्या.
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज दोपहर पचपेढ़ी नाका, रायपुर के पास छत्तीसगढ़ हरदिहा साहू समाज द्वारा निर्मित संत माता कर्मा व्यावसायिक परिसर का लोकार्पण किया. उन्होंने इस अवसर पर इस परिसर के प्रथम तल पर समाज द्वारा बनाये जाने वाले सामुदायिक भवन के निर्माण के लिए 10 लाख रुपए के स्वेच्छानुदान की स्वीकृति की घोषणा की.
रायपुर शहर छत्तीसगढ़ की राजधानी है | इस शहर में डेढ़ से दो लाख साहू रहते हैं जो पांच फिरकों में बंटे हैं | सर्वाधिक जनसँख्या हरदिहा साहू समाज की है ,दुसरे क्रम पर झरिया साहू हैं जिनमें अधिकांश अप्रवासी हैं जो आसपास के इलाकों से शिक्षा या रोजगार के लिए आकार बसे हैं | तीसरे क्रम में तरहाने तेली समाज है जो मराठी भाषी हैं और लगभग 200 वर्षों से निवासरत हैं |
रायपुर शहर में समाज के विवाह योग्य युवा - युवतियों का परिचय सम्मेलन था | रंग मंदिर में आयोजित परिचय -सम्मेलन का है | इस सभागृह की अधिकतम क्षमता 1000 है | दोपहर 3 बजे मंच में अखिल भारतीय तैलिक - साहू महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ सिया राम साहू एवं राष्ट्रिय उपाध्यक्ष श्री मोती लाल साहू उपस्थित थे तब पूरा सभागृह खचाखच भरा हुआ था और उतने ही लोग बाहर अपनी बारी का प्रतीक्षा कर रहे थे |
जब कोई बड़ा इतिहासकार या मानव शास्त्री ' तेली ' का उल्लेख करता है तब अच्छा लगता है , पुरातन ग्रंथकार तो तेली समाज को केवल नीचा दिखाने का ही काम किये थे |
प्रसिद्द भारतीय मानवशास्त्री पटनायक एवं रे ने अपने शोध ग्रन्थ में लिखा है " सन 1959 में अखिल ओड़िसा तेली कांग्रेस का सम्मेलन बुलाया गया जिसमें ओड़िसा के तीन प्रमुख तेली जातियों के प्रमुख आये |